Rama Rama Ratte Ratte-文本歌词

Rama Rama Ratte Ratte-文本歌词

Swati Mishra
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रामा रामा रटते रटते, बीती रे उमरिया । रघुकुल नंदन कब आओगे, भिलनी की डगरिया ॥ मैं शबरी भिलनी की जाई, भजन भाव ना जानु रे । राम तेरे दर्शन के हित, वन में जीवन पालूं रे । चरणकमल से निर्मल करदो, दासी की झोपड़िया ॥ ॥ रामा रामा रटते रटते..॥ रोज सवेरे वन में जाकर, फल चुन चुन कर लाऊंगी । अपने प्रभु के सन्मुख रख के, प्रेम से भोग लगाऊँगी । मीठे मीठे बेरों की मैं, भर लाई छबरिया ॥ ॥ रामा रामा रटते रटते..॥ श्याम सलोनी मोहिनी मूरत, नैयनो बीच बसाऊंगी । सुबह शाम नित उठकर मै तो, तेरा ध्यान लगाऊँगी । [Extra/Optional पद पंकज की रज धर मस्तक, जीवन सफल बनाउंगी । अब क्या प्रभु जी भूल गए हो, दासी की डगरिया ॥ ॥ रामा रामा रटते रटते..॥ नाथ तेरे दर्शन की प्यासी, मैं अबला इक नारी हूँ । दर्शन बिन दोऊ नैना तरसें, सुनलो बहुत दुखारी हूँ । हरी रूप में दर्शन देदो, डालो एक नजरिया ॥ ॥ रामा रामा रटते रटते..॥ रामा रामा रटते रटते, बीती रे उमरिया । रघुकुल नंदन कब आओगे, भिलनी की डगरिया ॥